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न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : देश- विदेश की मीडिया ने कहा- सच्चाई जानने के लिए भास्कर के रिपोर्टर्स श्मशान और मुर्दाघरों में लाशें गिनते रहे, अब सरकार की रेड पड़ी, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह दैनिक भास्कर के साथ

न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :

डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :

दैनिक भास्कर पर आयकर विभाग के छापे की खबर अब वर्ल्ड मीडिया में भी पहुंच गई है। इस मामले पर पहले ही देश की संसद में चले रहे मानसून सत्र की कार्यवाही को ठप करना पड़ा है। अब विदेशी मीडिया में भी ये खबर फैल रही है।

न्यूज़ टुडे मीडिया समूह दैनिक भास्कर के साथ

न्यूज़ टुडे मीडिया समूह के एडिटर इन चीफ डा. राजेश अस्थाना ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को इस तरह कुचलने की कोशिश इमरजेंसी से भी बढ़कर है। आज इस परिप्रेक्ष्य में न्यूज़ टुडे मीडिया समूह दैनिक भास्कर के साथ है। भास्कर ने कोरोनाकाल के दौरान सरकार की कमियों पर आलोचनात्मक रुख रखा था। इसने माहामारी के दौरान लगातार आंकड़ों के साथ रिपोर्ट्स पब्लिश की। ये कार्रवाई उसी सच्ची रिपोर्ट‌िंग कर सरकार की पोल खोलने का नतीजा है। पुनः न्यूज़ टुडे मीडिया समूह हर कदम पर दैनिक भास्कर के साथ है।

ABP न्यूज: छापे पर विपक्ष ने कहा- ऐसी सरकार का पतन निश्चित

समाचार समूह लिखता है कि दैनिक भास्कर के परिसरों पर छापेमारी के खिलाफ विपक्ष ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। पहले राज्यसभा में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया गया और फिर सोशल मीडिया पर मोदी सरकार पर निशाना साधा गया है।

इंडियन एक्सप्रेस: दैनिक भास्कर ने गंगा में तैरती लाशों पर चलाई थी सीरीज

भास्कर समूह पर IT रेड की जानकारी देने के बाद इंडियन एक्सप्रेस लिखता है कि कुछ समय पहले ही दैनिक भास्कर समूह ने कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतों और गंगा में तैरती लोगों की लाशों पर खबरों की सीरीज चलाई थी।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस: भास्कर समूह पर रेड के खिलाफ विपक्ष हमलावर

मीडिया समूह लिखता है, ‘भास्कर समूह के मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र सहित कई ठिकानों पर IT ने रेड की है। इसके बाद दिग्विजय सिंह के उस बयान का जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मोदी और शाह के पास सिर्फ IT, ED, CBI नामक हथियार है।’

द प्रिंट: इनकम टैक्स की रेड को विपक्ष ने मोदीफाई रेड बताया

IT रेड को द प्रिंट ने विपक्ष के बयान के साथ पब्लिश किया है। द प्रिंट ने लिखा है कि दैनिक भास्कर समूह पर की गई इनकम टैक्स रेड पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेताओं ने इसे मोदीफाई रेड बताया है। इस मीडिया हाउस ने जयराम रमेश के उस ट्वीट का जिक्र भी किया है, जिसमें उन्होंने रेड को अनडिक्लेयर्ड इमरजेंसी बताया है।

वहीं विदेशी मीडिया का कहना है कि दैनिक भास्कर बीते कुछ महीनों से आम लोगों के लिए जरूरी खबरें प्रकाशित कर रहा था। ऐसा करने के कुछ महीनों के भीतर ही भास्कर पर आयकर विभाग का छापा पड़ गया।

वॉशिंगटन पोस्ट ने इनकम टैक्स विभाग से पूछी भास्कर पर रेड डालने की वजह, प्रवक्ता ने कहा- नहीं बता सकते

अमेरिका के वॉशिंगटन पोस्ट ने हेडलाइन में लिखा, ‘जरूरी कवरेज करने के कुछ महीनों के भीतर ही अखबार पर इनकम टैक्स का छापा पड़ गया।’

पूरी खबर देते हुए वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा- भारत के सबसे प्रमुख अखबार पर छापे की वजह कोरोना काल के दौरान की गई जरूरी कवरेज है। भारत के पत्रकार और राजनीतिक ह‌स्तियों के हवाले कहा कि सरकार की सच्चाई उजागर करने के बाद भास्कर पर छापा डाला गया है।

वॉशिंगटन पोस्ट ने छापे को लेकर टैक्स ‌अथॉरिटी की प्रवक्ता सुर‌भि अहलूवालिया से भी बात की, लेकिन छापा डालने का वजह पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से मना दिया। भारत में मौजूद अपने सूत्रों के हवाले से वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा- ये कार्रवाई भास्कर की ओर से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और सरकार के बारे में कवरेज के चलते की गई है।

वॉशिंगटन पोस्ट ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के बयान को भी जगह दी है। प्रेस क्लब ने कहा है कि ऐसी कार्रवाई और सरकारी एजेंसियों के जरिए सरकार मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला करती है।

द गॉ‌र्जियन ने लिखा- सरकार की खामियां बताईं तो रेड डालकर साधा निशाना

इस मामले पर यूरोप के प्रतिष्ठित मीडिया संस्‍थान द गॉर्जियन ने लिखा- कोरोनाकाल में सरकार के तरीकों पर सवाल खड़ा करने वाले अखबार पर टैक्स रेड के जरिए निशाना साधा।

खबर में लिखा कि भारत के सबसे ज्यादा मशहूर अखबार ने कोरोनाकाल के दौरान सरकार की कमियों पर आलोचनात्मक रुख रखा था। इसमें माहामारी के दौरान लगातार आंकड़ों के साथ रिपोर्ट्स पब्लिश की। अब संस्‍थान पर छापे हैं, जिसके पीछे सच्ची पत्रकारिता को वजह बताया जा रहा है।

द गार्जियन ने अपनी खबर में भास्कर पर रेड पड़ने की खबर में वो सारी बातें लिखी हैं, जिनकी चर्चा है। इसमें उसने बताया है कि कैसे दैनिक भास्कर बीते कुछ समय में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों, अस्पतालों में बेड की कमी से होने वाली मौतों, गंगा में तैरती हाजारों लाशों के सही आंकड़े छापे हैं।

यहां तक कि सही जानकारी के लिए भास्कर के रिपोटर्स कई सप्ताह तक श्मशान और अस्पताल के मुर्दाघर में पड़े रहे। उन्होंने मौतों के सही आंकड़े जुटाए और लोगों सामने पेश किया। इससे कई राज्यों की सरकारों और केंद्र सरकार के दावों की पोल-पट्टी खुली और उनकी साख को झटका लगा। भारत का एक बड़ा वर्ग आरोप लगा रहा है कि ये कार्रवाई उसी सच्ची रिपोर्ट‌िंग का नतीजा है।

जासूसी के आरोपों के बाद अब मीडिया कंपनियों पर आयकर छापे : DW

इंटरनेशनल मीडिया हाउस डायचे वैले यानी DW ने भास्कर पर रेड पड़ने की खबर को सीधे तौर पर हालिया जासूसी वाले मामले से जोड़कर प्रकाशित किया है। DW ने लिखा कि कोरोनाकाल के दौरान भास्कर की रिपोर्ट‌िंग और हाल ही में फोन टैपिंग को लेकर भास्कर की ओर से प्रकाशित की गई खबरों के बाद आईटी का छापा पड़ा है।

दैनिक भास्कर के अप्रैल और मई में महामारी के दौरान रिपोर्ट्स के बाद सरकारी रेड पड़ी: अलजजीरा

अलजजीरा ने लिखा कि टैक्स अधिकारियों ने भारत के एक प्रमुख अखबार दैनिक भास्कर पर छापा मारा है, जो कोरोना से निपटने में सरकार के कदमों को लेकर आलोचनात्मक रहा है। छापामारी करने आए अधिकारियों ने कोई ऑफिशियल बयान नहीं दिया है।

खबर के मुताबिक भास्कर ने अप्रैल और मई में महामारी के दौरान रिपोर्ट्स की पूरी सीरीज चलाई थी। जिससे सरकार की काफी आलोचना हुई थी। मोदी सरकार पर पहले भी आलोचनात्मक रिपोर्टिंग को दबाने के आरोप लगते रहे हैं। 2021 की प्रेस फ्रीडम इंडेक्स के 180 देशों में भारत 142वें स्थान पर है। रिपोर्ट में आरफा खानम शेरवानी का एक ट्वीट लगा है जिसमें लिखा है कि जब-जब ये सरकार डरती है, एजेंसियों को आगे करती है।

BBC ने गंगा में लाशों के तैरने और मौत के सही आंकड़ों का जिक्र करते हुए छापी खबर

इसी तरह BBC ने कहा कि सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज) की प्रवक्ता सुरभि जायसवाल से छापेमारी के बारे में पूछा तो उन्होंने ये तो कहा कि खबर पुख्ता है, छापेमारी की जा रही है, लेकिन वजह पूछे जाने पर वह मुकर गईं। उन्होंने छापेमारी का कोई कारण नहीं बताया।

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