
न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
कोरोना में भ्रष्टाचार का मैनेजमेंट भी गज़ब का है। मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने में इन भ्रष्टाचारियों को कोई गुरेज़ नही है। ताजा मामला फरीदकोट के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में आपूर्ति किए गए 80 वेंटिलेटरों में से 71 खराब है। ये वेंटिलेटर AgVa Healthcare द्वारा पीएम केअर्स फंड के तहत प्रदान किए गए थे।
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने बताया कि ये उपयोग के दौरान एक या दो घंटे में बंद हो जाते हैं। एक डॉक्टर ने कहा कि वेंटिलेटर की गुणवत्ता काफी खराब है, ये मशीन बंद हो जा रहे हैं, इसलिए हम मरीजों की जान को जोखिम में नहीं डाल सकते हैं। भारत सरकार ने पिछले साल 250 वेंटिलेटर भेजे थे, जिनकी कीमत 25 करोड़ रुपये से अधिक थी।
डॉक्टरों ने कहा- ये वेंटिलेटर भरोसे लायक नहीं
AgVa हेल्थकेयर के बनाए ये वेंटिलेटर प्रधानमंत्री राहत कोष की मार्फत आए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 71 वेंटिलेटर काम ही नहीं कर रहे। अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि वे केंद्र के भेजे वेंटिलेटर पर भरोसा नहीं करते। ये बमुश्किल 1-2 घंटे ही काम कर पाते हैं।
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के उपकुलपति डॉ. राज बहादुर का भी कहना है कि प्रधानमंत्री राहत कोष से उपलब्ध करवाए गए वेंटिलेटर की क्वालिटी बेहद घटिया है। उनका कहना है कि वे इन वेंटिलेटर्स को उपलब्ध करवाने वाली एजेंसी के साथ एनुअल मेंटेनेंस कांट्रैक्ट करना चाहते हैं। इससे उन्हें वेंटिलेटर्स की मरम्मत के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।