
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट (डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ): मोतिहारी-बिहार/ नोएडा-उत्तरप्रदेश :
दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के जूनियर वैज्ञानिक को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया. वैज्ञानिक को हनी ट्रैप के जाल में फंसा कर उनके परिवार वालों से 10 लाख की फिरौती मांगी गई थी. बताया जा रहा है कि वैज्ञानिक को शनिवार की शाम नोएडा में मसाज के नाम पर एक होटल में बंधक बनाकर अगवा कर लिया गया था.
घटना सेक्टर-49 थाना क्षेत्र के सेक्टर-77 स्थित प्रतीक विस्टेरीया सोसायटी के बाहर की है. बीते शनिवार को डीआरडीओ के वैज्ञानिक के अपहरण की सूचना मिलते ही नोएडा के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही कमिश्नर आलोक सिंह के नेतृत्व में छह टीम बनाई गईं. सभी को अलग-अलग दिशाओं में वैज्ञानिकों की खोज में भेजा गया. रविवार की देर रात वैज्ञानिक को सकुशल बरामद कर एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस इन बदमाशों के अन्य साथियों को पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है.
पुलिस ने बताया कि शनिवार को मसाज सेंटर का एक आदमी आया और वह उसके साथ नोएडा में ही एक होटल में मसाज के लिए चले गए. थोड़ी ही देर में तीन-चार लोग वहां पहुंचे और वैज्ञानिक को धमकाने लगे. उन पर सेक्स रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाया और खुद को पुलिस अधिकारी बताने लगे. फिर उन्हें होटल के कमरे में बंधक बना लिया. फिर परिवार वालों से 10 लाख रुपयों की डिमांड कर डाली. इस मामले में सफलतापूर्वक वैज्ञानिक को मुक्त कराने और आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर अपर मुख्य सचिव (गृह) ने जनपद गौतमबुद्धनगर की पुलिस टीम को 5 लाख रुपये का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की थी।
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अपहरण की घटना का सफल अनावरण करने वाली पुलिस टीम के लिए घोषित 05 लाख रुपये की धनराशि को ADCP रणविजय सिंह समेत 20 पुलिस कर्मियों के टीम को पुरस्कार वितरित कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
अपको बता दें कि 2005 बैच के पीपीएस अधिकारी कुमार रणविजय सिंह इससे पहले एसपी बागपत, एसपी सिटी मेरठ, ग़ाज़ियाबाद रह चुके हैं. ग़ाज़ियाबाद में उनके द्वारा शुरू किया गया ओपरेशन स्माइल काफी सफल और चर्चित रहा, जिसमे हज़ारों गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार से मिलाया गया.
बताते चलें कि यह दिलेर व्यक्ति बिहार राज्य के पूर्वी चम्पारण जिलान्तर्गत आदापुर के ही सुदूर देहाती गांव हीरा छपरा के स्व.मुकुंदा सिंह के सुपुत्र व आदापुर के दफादार रहे नागेन्द्र सिंह के भतीजे है।उनकी परवरिश इसी गांव व किसान परिवार में हुई,जिन्होंने एक से बढ़कर एक कृतित्वों से चर्चा में रहे।वर्ष 2002 में बिहार पुलिस सेवा के लिए चयनित हुए,उसके बाद राजस्थान प्रशासनिक सेवा में भी चुने गए।बाद में वे नई ऊंचाइयों को छूते हुए इस मुकाम तक पहुंचे हैं। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के रहे हैं।