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न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
डिप्टी सीएम रेणु देवी की जुबान एक बार फिर फिसल गई है। अपनी गलतियों की वजह से तीसरी बार बिहार की पहली महिला उप मुख्यमंत्री चर्चा में हैं। इस बार रविवार को विधानसभा के शताब्दी समारोह में भाषण के दौरान उनसे गलती हो गई। डिप्टी सीएम रेणु देवी ने स्पीकर विजय सिन्हा की जगह उनका नाम विजय प्रसाद श्रीवास्तव कह दिया। साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी के बावजूद उनका नाम ले लिया।
मीडिया को बताया था लोकतंत्र का तीसरा स्तंभ
यह पहला मौका नहीं है जब डिप्टी सीएम रेणु देवी की जुबानी फिसली है। इससे पहले बिहार की उप मुख्यमंत्री का सामान्य ज्ञान की जानकारी को लेकर काफी चर्चा हुई थी। उन्होंने लोकतंत्र के स्तंभों को ही बदल दिया। उद्योग विभाग से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा था कि लोकतंत्र का तीसरा स्तंभ मीडिया है। कुछ खबरों को लेकर सतर्कता बरतने के लिए मीडिया को सलाह दे रही थीं। इस दौरान ही उन्होंने मीडिया को लोकतंत्र का तीसरा स्तंभ बता दिया था। हालांकि भारतीय संविधान में लोकतंत्र के तीन स्तंभ माने गए हैं। ये हैं – व्यवस्थापिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है।
2020 को बीस हजार बीस कहा था
डिप्टी सीएम रेणु देवी एक बार वर्ष 2020 को बीस हजार बीस कहा था। उनका यह वीडियो तब खूब वायरल हुआ था, जब वो उप मुख्यमंत्री बनी थीं। दरअसल, रेणु देवी कहना चाहती थीं कि राजनीति में तीन दशकों से हैं। साल 1988 में वे पार्टी से जुड़ीं और आज साल 2020 तक कई पदों पर रही हैं।