न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : पटना/ बिहार :
नीतीश सरकार में कैबिनेट विस्तार को लेकर भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों के नाम पर स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है। भावी नुमाइंदों के नाम तय नहीं होने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। दरअसल, जनता दल यूनाइटेड ही नहीं, कुशवाहा और मुसलमान चेहरों पर बीजेपी की भी नजरें टिकी हुई हैं।
कुशवाहा और मुसलमान चेहरों का प्रतिनिधित्व चाहती है बीजेपी
कैबिनेट विस्तार में हर हाल में बीजेपी सीधे तौर पर कुशवाहा और मुसलमान चेहरों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना चाहती है। इसी कड़ी में पूर्व मंत्री केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन और पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी को कैबिनेट में शामिल करने तैयारी है। वर्तमान में दोनों समाज से कैबिनेट में कोई चेहरा नहीं है। बीजेपी इसी आधार पर पहली बार मुसलमान चेहरे पर दांव लगाना चाहती है। पार्टी इसका दूरगामी परिणाम देख रही है। फिलवक्त बीजेपी में तीन कुशवाहा विधायक हैं। इसमें पिछली सरकार में बीजेपी ने सीमांचल के प्राणापुर से विधायक विनोद सिंह को मंत्री बनाया था। विनोद दिवंगत हो गए। पूर्व मंत्री की पत्नी निशा सिंह 17वीं विधानसभा में पहली बार जीत कर आईं हैं। वहीं, बिहारशरीफ से डॉ. सुनील कुमार तीसरी बार और रक्सौल के विधायक प्रमोद सिन्हा पहली बार जीते हैं।
जेडीयू के कुर्मी और कुशवाहा वोट बैंक पर टिकी है नजर
बीजेपी की पैनी नजर जेडीयू के कुर्मी और कुशवाहा वोट बैंक पर टिकी है। खासकर आरसीपी सिंह को जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष और फिर उमेश सिंह कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद दलों के बीच दोनों समाज को तवज्जो देने की अंदरखाने में होड़ है। कैबिनेट विस्तार में बीजेपी का सर्वाधिक जोर कुशवाहा चेहरे पर है। पार्टी इसबार विधान पार्षद सम्राट चौधरी को मंत्री बनाना चाह रही है। दो कारणों से बीजेपी में सम्राट के नाम पर जोर है। पहला सामाजिक और दूसरा क्षेत्रीय समीकरण है। सम्राट पहले भी मंत्री रह चुके हैं।
जेडीयू के उमेश कुशवाहा के जवाब हैं बीजेपी के सम्राट चौधरी
बीजेपी के दिग्गजों के अनुसार जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के जवाब के रूप में सम्राट चौधरी को उभार देना चाहती है। पार्टी सभी दृष्टिकोण से सम्राट के जरिए कुशवाहा को मुफीद मान रही है। इस बिंदु पर गत दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यालय में जेपी नड्डा के साथ राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद एवं रेणु देवी, बिहार के संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय की मौजूदगी में लंबी बैठक चली थी। इसमें सम्राट के नेतृत्व क्षमता और अनुभव को देखते हुए सभी नेताओं को जोर था।
