न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
रामविलास पासवान की तरह मौसम वैज्ञानिक बन रहे हैं बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी. जीतन राम मांझी ने नीतीश को दी चेतावनी, मेरा बात मानें वर्ना सड़क पर उतरने को तैयार हूं. सीएम नीतीश के कमजोर होते ही मांझी ने मौसम वैज्ञानिक बनना शुरू कर दिया है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार की नीतियों पर अपरोक्ष रूप से सवाल खड़े कर दिये हैं.
ज्ञात हो कि जीतन राम मांझी ने इस बार जेडीयू के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा। नीतीश कुमार ने जीतन मांझी को अपने खाते से 7 सीटें दी. इस बार के चुनाव में मांझी की पार्टी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की. इतना ही नहीं मांझी ने अपने बेटे को नीतीश कैबिनेट में शामिल भी करा लिया. इसके बाद अब मौसम वैज्ञानिक बनते हुए पूर्व सीएम ने यह कह कर सबको चौंका दिया है कि हमारी सरकार ने जो निर्णय लिये थे उसे लटका कर रखा गया. मांझी इतने भर से ही नहीं चुके उन्होंने कहा कि बेरोजगारों के लिए सड़क पर भी उतरना पड़ेगा तो उतरेंगे. मतलब साफ है, जीतनराम मांझी सीएम नीतीश की नीतियों से खुश नहीं है.
कुछ दिन और सीएम रहता तो बदल देता सूरत
दरअसल मांझी ने आज अपनी पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलायी थी. बैठक को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि वे कुछ दिन और सीएम रहते तो बिहार की सूरत बदल देते. मांझी बोले कि “हम कुछ दिन और मुख्यमंत्री होते तो बेरोजगार जिन्हें नौकरी का मौका नहीं मिला ठेकेदारी में आरक्षण 75 लाख तक निश्चित देते पर अफसोस कि सरकार ने 25 से 50 लाख किया पर अभी भी संचिका में ही है. यदि 75 लाख आरक्षण दिया जाता तो युवा युक्तियां अपने परिवार के लिए ठेकेदारी के माध्यम से काम करते.”
अब सड़क पर उतरने को तैयार हैं मांझी
मांझी ने नीतीश कुमार पर बेरोजगारों को ठेकेदारी देने की योजना को फाइलों में लटकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वे बेरोजगार बेटा-बेटी के लिए काम करेंगे. उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को कहा कि उन्हें भी बेरोजगारों के लिए काम करना पड़ेगा. इसके लिए अगर हम पार्टी को सड़क पर उतरना पड़े तो उतरेगी. मांझी ने कहा कि वे खुद भी सड़क पर उतरने को तैयार हैं.
मांझी ने सरकार को दिया अल्टीमेटम
जीतन राम मांझी ने कहा कि सीएम की कुर्सी पर बैठने के बाद उन्होंने बेरोजगारों को 5 हजार बेरोजगारी भत्ता, किसानों को 5 एकड़ जमीन तक मुफ्त बिजली, गरीबों को घर बनाने के लिए 5 डिसमिल जमीन और खेती के लिए एक एकड़ जमीन जमीन देने का लक्ष्य रखा था. वे इस सरकार से भी मांग करेंगे कि इसे पूरा किया जाये. जीतन राम मांझी ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के लिए नयी योजनायें चलाना और उनके हितों की रक्षा करना हम पार्टी की प्राथमिकता है.
जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में लड़कियों की पढ़ाई पहली क्लास से लेकर पीजी तक पूरी तरह मुफ्त होनी चाहिये. इसका सारा खर्चा सरकार को उठाना चाहिये. वे सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे. मांझी आगे बोले कि “सरकार अगर मेरी बात को मानती है तो मैं सरकार को धन्यवाद दूंगा. लेकिन जन मुद्दों को अगर सरकार नहीं मानती है तो उस स्थिति में हमारे कार्यकर्ता सड़क पर भी उतरेंगे. हम पार्टी के कार्यकर्ताओं को इसके लिए तैयार रहना होगा.”
जीत का श्रेय जेडीयू-बीजेपी को नहीं
विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी के चार विधायक जीत कर आये हैं. जीतन राम मांझी ने इसका श्रेय बीजेपी या जेडीयू को नहीं दिया. उन्होंने कहा कि आज उनकी पार्टी मजबूत स्थिति में है तो इसके लिए हमारे कार्यकर्ताओं का अथक मेहनत और परिश्रम है. हम के कार्यकर्ताओं की बदौलत ही पार्टी के चार विधायक और एक विधान पार्षद हैं. हम पार्टी के कार्यकर्ता ऐसे ही काम करते रहेंगे को विधायकों और विधान पार्षदों की संख्या और बढ़ेगी.
मौसम वैज्ञानिक बनने के पीछे का मिशन
जानकार बताते हैं कि पूर्व सीएम मांझी के फिरकी लेने के पीछे कहीं न कहीं कुछ बात है. अब जबकि मांझी ने अपने बेटे को सेट कर दिया इसके बाद उनका अगला मिशन शुरू हो गया है. हालांकि उनका अगला लक्ष्य क्या है यह तो स्पष्ट तौर पर पता नहीं चल सका है लेकिन खबर है कि वे राज्यपाल कोटे से खाली 12 सीटों में एक सीट अपने खास के लिए चाह रहे हैं. इसी वजह से अब वे सड़क पर उतरने की बात कर रहे.