न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
महागठबंधन राज्य सभा में श्याम रजक को उतारने की तैयारी में है. इस कवायद पर JDU ने पलटवार करते हुए राजद को दलित विरोधी करार देते हुए कहा है कि वह जान बुझकर दलित उम्मीदवार उतारा रहा है. जेडीयू सांसद संतोष कुशवाहा ने कहा कि जब तेजस्वी यादव को पता है की संख्या बल नहीं है तो वह एक दलित को बेइज्जत करने के लिए क्यों चुनावी मैदान में उतार रहा है. उन्होंने चुनौती दी है कि अगर बेइज्जत करने के लिए उतारना ही है तो तेजस्वी यादव अपने परिवार के किसी को उम्मीदवार उतारे. JDU सांसद ने कहा कि लालू परिवार की फितरत ही दलित विरोधी है.
वहीं, राज्यसभा चुनाव में महागठबंधन की तरफ़ से उम्मीदवार देने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा की तेजस्वी राजनीति की मर्यादा नहीं जानते हैं. आज जो नेता प्रतिपक्ष हैं वो राजनीतिक मर्यादाओं को तार-तार करने में लगे हैं.
बता दें कि श्याम रजक पहले जनता दल यूनाइटेड में थे और नीतीश कुमार और कैबिनेट में मंत्री भी थे मगर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पाला बदलकर राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए मगर किसी कारणवश उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिला. श्याम रजक अपनी परंपरागत सीट फुलवारी शरीफ से टिकट चाहते थे, मगर किसी कारण से उन्हें टिकट नहीं मिला.
अब माना जा रहा है कि श्याम रजक के साथ हुई इस ज्यादती की भरपाई करने के लिए राष्ट्रीय जनता दल उन्हें राज्यसभा भेज सकता है. महागठबंधन के रुख से एक बात तो स्पष्ट है कि वह नीतीश कुमार सरकार के लिए लगातार मुश्किलें खड़ा करना चाहता है. हालांकि श्याम रजक ने अपनी उम्मीदवारी को लेकर सहमति दी है या नहीं यह अभी पता नहीं चल पाया है.
राष्ट्रीय जनता दल दिवंगत राम विलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को समर्थन देने के लिए इसलिए तैयार था, क्योंकि वह एक दलित चेहरा भी थी. लेकिन चिराग पासवान के इनकार के बाद दलित चेहरे श्याम रजक पर दांव खेलना चाहती है और एनडीए उम्मीदवार सुशील कुमार मोदी को बिना लड़ाई के जीतने नहीं देना चाहता है.