
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
उग हो सूरज देव, भइल अरघ के बेर, जल बीच खाड़ बानी कांपता बदनवां… भक्ति भाव में डूबे हुए छठ व्रतियों ने गाय के दूध से उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया और हवन के बाद चार दिवसीय आस्था व प्रकृति पूजा का महापर्व छठ संपन्न हो गया. छठ महापर्व को लेकर संपूर्ण बिहार भक्ति के माहौल में डूबा रहा. शहर में चारों ओर छठ मैया के गीतों की धुन सुनाई देती रही. स्थानीय नदियों व तालाबों के तट पर मनोरम दृश्य देखने को मिला.
उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण करने के साथ पर्व समापन हुआ. अर्घ्य प्रदान करने के साथ ही प्रसाद ग्रहण करने का सिलसिला शुरू हुआ और इसी के साथ ही लंबे समय तक व्रत उपवास रखने वाले छठ व्रतियों ने जल छठ मैया का प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ा. प्रगाढ़ आस्था और भक्ति का त्योहार में छठ व्रती से लेकर उनके परिजन और आसपास क्षेत्र के लोगों में चार दिन तक उत्साह बना रहा.
बैंड बाजा और छठ मैया की गीत के साथ स्थानीय लोग भी काफी संख्या में छठ घाट तक पहुंचे तो कई श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों की छत पर पूजा किया और भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. श्रद्धालु प्रात:काल से ही छठ घाट की ओर डाला के साथ रवाना हो गए. सूर्य की लालिमा देखते ही व्रती एवं श्रद्धालुओं के चेहरे पर प्रसन्नता झलकने लगी. इससे पूर्व व्रती तथा श्रद्धालु ने घंटों भगवान सूर्य के उगने का इंतजार जल में खड़े होकर किया.