न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : पटना/ बिहार :
बिहार में शराबबंदी अभियान को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है. मुख्यमंत्री क्राइम मीटिंग में हर बार पुलिस को सबसे पहला टास्क शराब पकड़ने का देते हैं, लेकिन उसके बावजूद राज्य भर में हर दिन शराब की बड़ी खेप बरामद होती है. सबसे बुरा हाल राजधानी पटना का है, जहां वीआईपी जोन में भी शराब की खाली बोतलें पाई जा रही हैं. न्यूज़ टुडे ने आपको 2 दिन पहले रिपोर्ट दिखाई थी कि किस तरह मुख्यमंत्री आवास के आसपास सर्कुलर रोड में शराब की बोतल डस्टबिन के बाहर फेंकी गई थी.
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष और कई मंत्रियों का आवास
आज हम आपको पोलो रोड का हाल दिखा रहे हैं. फर्स्ट बिहार ने पोलो रोड का जायजा लिया तो वहां मंत्रियों के आवास के आसपास महंगी शराब की खाली बोतलें पड़ी मिली. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के सरकारी आवास के ठीक सामने कचरे के ढेर में शराब की कई बोतलें पड़ी हुई मिली. जिस जगह शराब की खाली बोतलें मिली है वह बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के सरकारी आवास की चहारदीवारी से सटा हुआ है. फर्स्ट बिहार संवाददाता गणेश सम्राट में इस पूरे इलाके का जायजा लिया है.
बिहार में शराबबंदी बन गया मजाक
शराब की खाली पड़ी बोतलें इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि शराबबंदी बिहार में एक दम मजाक बनकर रह गया है. सरकार के दावे चाहे जो भी हो लेकिन हकीकत यही है कि आम हो या खास जो भी शराब पीना चाहता है. उसके लिए यह एक फोन कॉल पर उपलब्ध है. इस वीआईपी जोन में शराब किसने पी, शराब की बोतलें किसने फेंकी, इसका जवाब तलाशना आसान नहीं है. लेकिन जिस जनता दल यूनाइटेड ने शराबबंदी को सफल बनाने का बीड़ा उठाया उसी के प्रदेश अध्यक्ष के आवास के सामने खाली पड़ी बोतलें सरकार के दावों की हकीकत बयां कर रही है.