न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू में भले ही बागी तेवर अख्तियार कर रखा हो लेकिन पार्टी उन पर एक्शन को लेकर अब भी तैयार नहीं दिख रही। इससे सियासी गलियारे में एक नई तरह की चर्चा शुरू हो गई है। सवाल ये भी है कि आखिर जेडीयू में चल क्या रहा? लगातार बागी तेवर के बावजूद कुशवाहा पर एक्शन क्यों नहीं?
उपेंद्र कुशवाहा बोले- कार्यकर्ता बनना मंजूर लेकिन तेजस्वी को सीएम बनाना मंजूर नहीं
तेजस्वी को लेकर नीतीश कुमार के फैसले पर जेडीयू नेता ने उठाए सवाल
नीतीश कुमार कर चुके हैं तेजस्वी यादव को 2025 में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने का ऐलान★
उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू में भले ही बागी तेवर अख्तियार कर रखा हो लेकिन पार्टी उन पर एक्शन को लेकर अब भी तैयार नहीं दिख रही। बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा एवं नीतीश कुमार का टकराव थमता दिखाई नहीं दे रहा है। माना जा रहा कि ये भविष्य की राजनीति के लिए प्लेटफार्म तैयार करने की कोशिश है। जानकारों का मानना है उपेंद्र कुशवाहा महज एक मोहरा हैं जो नीतीश कुमार के लिए प्लेटफार्म तैयार कर रहे। जिस प्लेटफार्म पर जेडीयू के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रेलगाड़ी को रोका जाना है। इस रणनीति के तहत तेजस्वी की ट्रेन को सेंटर यार्ड में लगाया जाएगा और जानकर मानते हैं कि इसके तहत कुशवाहा के डिप्टी सीएम बनने की इच्छा को भी पूरा किया जाएगा। ऐसा भविष्य के लिए अनुमान है, लेकिन बिहार की राजनीति में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी ही है।
क्या ‘दूत’ की बात मान जाएंगे कुशवाहा?
क्या उपेंद्र कुशवाहा मान जाएंगे या नीतीश कुमार की नीतियों और जेडीयू को बचाने का उनका विद्रोह अभी जारी रहेगा? दरअसल जेडीयू एमएलसी रामेश्वर महतो ने उपेंद्र कुशवाहा से बंद कमरे में मुलाकात की है। जानकारों की माने तो इसके पीछे पूरी कोशिश आरजेडी की उस महत्वकांक्षा को कम करने की है। महत्वाकांक्षा ये कि तेजस्वी यादव को जल्द से जल्द बिहार का मुख्यमंत्री बनाया जाए। वहीं दूसरी बड़ी महत्वाकांक्षा यह कि 2025 विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव बिहार में मुख्यमंत्री का चेहरा बनें। नीतीश कुमार ने सार्वजनिक मंच से इस बात की घोषणा भी कर दी है कि 2025 में मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव होंगे। अब इस ऐलान से पलटने के लिए कहीं ना कहीं नई स्क्रिप्ट तैयार की जा रही है।
तेजस्वी के नाम पर कुशवाहा ने इसलिए उठाए सवाल
उपेंद्र कुशवाहा लगातार इसी बात पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सार्वजनिक मंच से तेजस्वी के नाम का ऐलान क्यों किया? इसी को लेकर कुशवाहा ने जेडीयू के कमजोर होने की भी बात कह रहे हैं। पार्टी का अस्तित्व मिटने की बात कह उन्होंने आरजेडी की तरफ से हो रही जेडीयू के आरजेडी में विलय की चर्चा का भी सवाल उठाया। यही नहीं लगातार जेडीयू-आरजेडी के बीच डील का मुद्दा सबके सामने रखने की मांग पार्टी नेतृत्व से कर रहे। दूसरी तरफ वो खुद को जेडीयू का कार्यकर्ता भी बता रहे हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर उपेंद्र कुशवाहा किसके लिए बैटिंग कर रहे हैं?
याद दिलाया लालू यादव के दौर का खौफ
उपेंद्र कुशवाहा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जेडीयू को बनाने और इसे खड़ा करने में अगड़ी जातियों का भी काफी योगदान रहा है। उन्होंने इस पार्टी को खड़ा करने में अपनी कुर्बानियां दी हैं। यही नहीं आरजेडी और लालू यादव पर भी उन्होंने निशाना साधा। लालू राज में कानून व्यवस्था का जिक्र किया। यही नहीं कुशवाहा ने कहा जेडीयू का आधार भले ही ‘लव-कुश’ जातियां बनीं लेकिन दलित-महादलित, माइनॉरिटी के साथ अगड़ी पिछड़ी सभी जाति ने मिलकर इस दल को ताकत दी है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा समता पार्टी का यही नारा था कि समरस समाज का निर्माण हो सके। हम आज भी उसी रास्ते पर चलना चाहते हैं।
रात 12 बजे भी दरबार में आने को तैयार कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें जब बुलाएंगे चले आएंगे। हम लगातार मुख्यमंत्री से आग्रह कर रहे हैं कि उनसे हमारी मुलाकात हो और नीतीश कुमार मेरी बात सुनें। उन्होंने कहा कि जब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुझे बातचीत के लिए बुलाएंगे मैं जाने को तैयार हूं। पार्टी और नीतीश कुमार के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर करते हुए कहा कि अगर मुझे बुलाएंगे तो रात के 12 बजे भी वो नीतीश कुमार के दरबार में हाजिरी लगाने को तैयार हैं।
कुशवाहा ने अब तक नहीं कहे नीतीश को कोई अपशब्द
यहां गौर करने वाली बात यह भी है की तमाम नाराजगी के बावजूद उपेंद्र कुशवाहा ने अब तक नीतीश कुमार के लिए अपशब्दों का प्रयोग नहीं किया। इससे पहले हम आरसीपी सिंह की नाराजगी देख चुके हैं। वहीं उपेंद्र कुशवाहा का एक बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार से बात करने के लिए उनको किसी से परमिशन या इजाजत नहीं लेनी पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी बात फोन पर होती रहती है। ऐसे में कुशवाहा का नीतीश कुमार से मुलाकात के लिए समय मांगना विरोधाभासी लगता है। उन्होंने आज कहा कि वह नीतीश कुमार से मिलना चाहते हैं और इसके लिए वह रात के 12 बजे भी समय दें तो वह नीतीश कुमार के दरबार में जाने के लिए तैयार हैं।
5 रुपये का कार्यकर्ता बनने को तैयार लेकिन…
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के महत्वपूर्ण पद पर रहे उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के लिए 5 रुपये का कार्यकर्ता बनने को तैयार हैं। लेकिन वह जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार के फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें यह बात गवारा नहीं कि 2025 में मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव बनें। इसी बात को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने मोर्चा खोला है। ये बात उन्होंने पटना में अपनी मंशा साफ करते हुए कह दिया। आरजेडी के मुख्यमंत्री के बजाय नीतीश कुमार पार्टी के किसी भी सदस्य को 2025 के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा बनाएं।