न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
बिहार के भागलपुर स्थित पीरपैंती में कोयला का उत्खनन वर्ष 2026 में शुरु हो जाएगा। इसके पहले सारी जमीनी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। कोयला खनन की जिम्मेवारी बीसीसीएल को सौंपी गयी है। यह जानकारी खान एवं भूतत्व मंत्री ब्रजकिशोर बिंद व निदेशक अरुण प्रकाश ने दी। उन्होंने बताया कि पीरपैंती-मंदार में उच्च कोटि के कोयले का भंडार मिला है और इसको लेकर विभाग काफी काम कर चुका है। वहां का कोयला ग्रेड-12 कोटि का है और बिजलीघरों में बी इसका उपयोग हो सकता है। एक सुझाव इसको लेकर भी आया है कि यहां से निकलने वाले कोयले का उपयोग किसी बिजलीघर के लिए हो। कहा गया कि निकट में ही कोई प्रोजेक्ट लगवाया जाए।
वहां जमीन के अंदर 230 मिलियन टन कोयले का भंडार है, लेकिन वह 90 मीटर के बेस में है। उसके ऊपर मिट्टी की मोटी परत है। इसकी जांच की जा रही है। इसके कहां और किस तरह उपयोग किया जा सकता है, इसकी भी कार्ययोजना बनायी जा रही है। खान विकसित होने के बाद हर साल में 60 मिलियन टन कोयले का खनन किया जाएगा। इनके निकट मिर्जापुर में भी 200-300 मिलियन टन कोयले का भंडार मिला है। वहां खनन के लिए अलग से कार्ययोजना बनेगी।
बुधवार को सूचना भवन में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि बिहार में किसी सूरत में बालू की किल्लत नहीं होने दी जाएगी। अवैध खनन पर नजर रखने के साथ-साथ बालू की सुलभता पर भी सरकार गंभीर है। नयी बालू नीति से बालू की उपलब्धता सहज होगी और माफियों पर अंकुश लगेगा। उन्होंने बताया कि इस साल विभाग ने दो हजार करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य तय किया है और इसे हर हाल में पूरा किया जाएगा।
निदेशक अरुण प्रकाश ने बताया कि 11 जिलों पटना, रोहतास, गया, भोजपुर, जहानाबाद, औरंगाबाद, अरवल, जमुई, बांका, भागलपुर और लखीसराय में 312 घाटों की बंदोबस्ती की जाएगी। नयी नियमावली में सभी खनिजों के लिए बंदोबस्ती प्राप्त करने की अधिकतम सीमा 200 हेक्टेयर निर्धारित की गयी है। बालू बंदोबस्ती के लिए सोन, फल्गू, चानन, मोरहर व किऊल नदी के अधिकतम 200 हेक्टेयर या दो बालूघाट की सीमा तय है।