न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : वैशाली/ बिहार :
वैशाली सदर थाना क्षेत्र के दिग्घीकलां स्थित पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में कार्यरत पटना के कंकड़बाग निवासी सहायक इंजीनियर इंद्रजीत कुमार ने कार्यालय की छत से छलांग लगाकर खुदकशी कर ली। घटना सोमवार की शाम 4.25 की है। सदर एसडीपीओ राघव दयाल सदर थाना की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे तथा जांच की। उन्होंने बताया कि खुदकशी है या साजिश, जांच के बाद ही पता चल सकेगा। पुलिस ने शव को सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रेलवे के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इंद्रजीत के मरने के आधे घंटे पहले ही उनका तबादला पूर्व मध्य रेल मुख्यालय के ही एईएन के रूप में किया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय के इंजीनियरिंग विभाग में सहायक मंडल अभियंता (फ्लड) पर कार्यरत पटना के कंकड़बाग के रहने वाले राजनाथ प्रसाद के पुत्र इंद्रजीत कुमार सोमवार को अपने कार्यालय पहुंचे। कार्यालय में दिन भर काम किया। 4.25 बजे के आसपास वे कार्यालय की पांचवीं मंजिल की छत पर पहुंचे और वहां से कूदकर जीवनलीला समाप्त कर ली। घटना की जानकारी कर्मचारियों को मिली तो सभी ने बाहर निकलकर देखा कि खून से लथपथ इंजीनियर का शव पड़ा है। हालांकि, उन्हें किसी ने छत से छलांग लगाते नहीं देखा। सूचना मिलते ही आरपीएफ एवं जीआरपी के वरीय पदाधिकारी, रेलवे के पदाधिकारी एवं कर्मचारी पहुंच गए। पुलिस ने उनके पास से कई कागजात बरामद किए हैं। छत पर जहां से उनके कूदने के चिह्न पाए गए हैं वहां से पुलिस ने जली हुई सिगरेट के अवशेष बरामद की है। एसडीपीओ राघव दयाल ने बताया कि यह आत्महत्या है या हत्या, जांच के बाद ही पता चल सकता है।
मौत से आधे घंटे पहले ही हुआ था इंद्रजीत का तबादला
पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में एईएन फ्लड के रूप में तैनात कंकड़बाग निवासी इंद्रजीत कुमार का सोमवार को ही तबादला हुआ था। तबादले के कुछ देर बाद ही रेल मुख्यालय की छत से कूदने से उनकी मौत हो गई। हालांकि पुलिस अभी इसे पूरी तरह खुदकशी नहीं मान रही। इंद्रजीत स्वयं छत से कूदे या उन्हें गिराया गया था, इसकी जांच जारी है। उनकी मौत के बाद कंकड़बाग स्थित आवास में मातम पसरा है।
तबादले की सूचना से थे निराश
रेलवे के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इंद्रजीत के मरने के आधे घंटे पहले ही उसका तबादला पूर्व मध्य रेल मुख्यालय के ही एईएन के रूप में किया गया था। इसके साथ ही उसे एईएन लैंड का भी प्रभार दिया गया था। उनकी जगह पर सुनील कुमार श्रीवास्तव को एईएन फ्लड बनाया गया था। उसके तबादले का आदेश संख्या जीएजेड-119-2020 है। रेलवे कर्मचारियों के अनुसार, इसकी सूचना मिलते ही वह काफी निराश हो गया था। वरीय अधिकारियों से मिलकर उसने एतराज भी जताया था परंतु उसकी एक न सुनी गई। थोड़ी देर के बाद ही उसका शव चौथी मंजिल से नीचे जमीन पर गिरा पड़ा मिला। उसकी मौत के बाद उसके तबादले की चर्चा दिनभर कार्यालयों में चलती रही।
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इंद्रजीत की छवि ईमानदार इंजीनियर की थी। वह काफी दिनों से पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में ही तैनात थे। डेढ़ साल पहले ही उसे प्रोन्नति भी मिली थी। इस संबंध में जब पूर्व मध्य रेल के मुख्य जन संपर्क अधिकारी राजेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने तबादले की जानकारी से इन्कार किया।