
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
सरकारी विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षक भी अब राज्य के टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज (डायट, पीटीईसी, बाइट) में लेक्चरर बनेंगे। पटना उच्च न्यायालय में दायर याचिका का निष्पादन करते हुए न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय ने यह आदेश दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता पीके शाही और अधिवक्ता मुकेश ठाकुर ने बिहार शिक्षा सेवा संवर्ग नियमावली -2014 और विज्ञापन संख्या -06/2016 के अनुरूप नियोजित शिक्षकों को इस पद पर नियुक्ति के लिए वैध ठहराते हुए अपने दलील को पेश किया जिससे कोर्ट भी सहमत हुआ।
60 दिनों में परिणाम को प्रकाशित करने का आदेश
शिक्षा विभाग के इस पत्र को अजय कुमार तिवारी व अन्य ने अधिवक्ता विपिन कुमार व वरीय अधिवक्ता पीके शाही के माध्यम से पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपाध्याय ने प्रधान सचिव के उस पत्र को निरस्त करते हुए नियोजित शिक्षकों की पात्रता को वैध ठहराया और 60 दिनों के अंदर परीक्षा के परिणाम को प्रकाशित करने का आदेश दिया। बिहार में 66 सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज हैं। नई शिक्षा नीति-1986 के लागू होने के साथ ही 1986 में डायट (जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान) अस्तित्व में आया। 90 के दशक से लगभग सभी संस्थानों पर ताला लटका था। शिक्षा के अधिकार अधिनियम-2009 के अस्तित्व में आने के साथ ही शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण को अनिवार्य बना दिया गया। इसके बाद बिहार सरकार ने 2012 में बिहार के सभी बंद पड़े शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को खोला एवं इन्हीं संस्थानों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी।
आयोग ने 2018 में ली थी लिखित परीक्षा
वर्ष 2016 में सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में व्याख्याता की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ हुई तथा शिक्षा विभाग की अधियाचना पर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के लिए विज्ञापन संख्या-06 /2016 प्रकाशित किया गया था। इसके लिए बिहार सरकार के विद्यालयों में न्यूनतम 3 वर्षों से कार्यरत शिक्षकों से आवेदन आमंत्रित किया गया। विज्ञापन एवं प्राप्त आवेदनों के आधार पर आयोग द्वारा लगभग दो वर्षों बाद 2018 में लिखित परीक्षा भी ली गई। मगर लिखित परीक्षा के उपरांत शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने आयोग को पत्र लिखकर नियोजित शिक्षकों को बाहर करते हुए परीक्षा का परिणाम घोषित करने को कहा।