न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
राज्य सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर बहाली करने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। आगे से ऐसी बहाली सरकार द्वारा स्वीकृत पदों पर ही की जाएगी। कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल व्यक्ति सरकारी सेवक नहीं माने जाएंगे। वे किसी सरकारी सेवक वाली सुविधा के भी हकदार नहीं होंगे। वे सरकारी सेवा में नियमित करने का कोई दावा भी नहीं कर सकेंगे।
राज्य में संविदा पर काम कर रहे कर्मियों को लेकर नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। नीतीश सरकार ने तय किया है कि कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल कर्मचारी सरकारी सेवक नहीं माने जाएंगे। साथ ही साथ एक महीने की नोटिस या मानदेय देकर सरकार उनकी सेवा कभी भी खत्म कर सकती है। राज्य सरकार ने कांटेक्ट के आधार पर बहाल करने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। सरकार की तरफ से आगे कॉन्ट्रैक्ट पर बहाली केवल सरकार द्वारा स्वीकृत पदों पर ही की जाएगी।
गौरतलब है कि बीते विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों के द्वारा राज्य में बेरोजगारी का मुद्दा जमकर उठाया गया. जिसके बाद सत्ताधारी दलों ने राज्य में नौकरी देने की बात कही. सरकार के गठन होने के बाद बीते कैबिनेट में राज्य में रिक्त पदों की बहाली पर प्रारूप तैयार करने का आदेश दिया गया था. राज्य में बहाली वाला विभाग सामान्य प्रशासन विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ही पास है.
कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति के बाद सामान्य प्रशासन इस मामले पर अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार राज्य के सभी स्थाई पदों पर संविदा में बहाली नहीं होगी. किसी विशेष परिस्थिति में बहाली करने के लिए कैबिनेट से स्वीकृति लेनी होगी. संविदा के आधार पर राज्य में नियुक्ति स्वीकृत पदों के विरुद्ध ही किया जा सकेगा.
स्थाई नियुक्ति में विलंब की सूरत में जितने पद स्वीकृत होंगे, उतनी ही संख्या में संविदा पर नियुक्ति की जा सकेगी. लेकिन यह नियुक्ति तभी तक के लिए ही मान्य होगा, जब अस्थाई पद पर अस्थाई नियुक्ति नहीं हो जाती. वहीं नीतीश कुमार ने तय किया है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं या अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान द्वारा वित्त संपोषित परियोजनाओं में ही योजना अवधि तक के लिए ही नियोजन किया जा सकेगा.
बीपीएससी, बीएसएससी, तकनीकी सेवा आयोग या राज्य सरकार की ओर से गठित किए जाने वाले अन्य आयोग द्वारा नियमित नियुक्तियों की अनुशंसा भेजने में विलंब होने की सूरत में भी अस्थाई नियुक्ति वाले पद पर संविदा आधारित नियोजन नहीं किया जा सकता है. विशेष परिस्थिति में इसके लिए कैबिनेट मंजूरी लेनी होगी. वह भी तब तक के लिए जब तक नियमित नियुक्ति ना हो जाए. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी बिना सूचना के 15 दिन या इससे ज्यादा अनुपस्थित रहने पर उनके पद को रिक्त घोषित कर दिया जाएगा.
सामान्य रूप स्थायी पदों की रिक्तियों के विरुद्ध नियमित नियुक्ति की अनुशंसा प्राप्त होने में अगर विलंब हो तो कॉन्ट्रैक्ट पर नई बहाली नहीं की जाएगी। अत्यंत विशेष परिस्थिति में कैबिनेट की मंजूरी लेने के बाद वैसे पदों का विज्ञापन निकाला जाएगा।
नियमित नियुक्तियों में लेट होने पर कैबिनेट की मंजूरी के बाद विज्ञापन निकाल की जाएगी बहाली। कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर बहाली में नियमित नियुक्ति वाली अर्हताएं ही लागू की जाएंगी। नियोक्ता और कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल व्यक्ति के बीच एग्रीमेंट होगा जिसमें सभी शर्तें लिखी रहेंगी।
प्रोजेक्ट की अवधि तक के लिए ही नियुक्ति, लागू होगा आरक्षण सीमित कार्यकाल वाली केन्द्रीय/ केन्द्र प्रायोजित/वित्त संपोषित
परियोजनाओं या योजनाओं में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्ति प्रोजेक्ट की अवधि तक के लिए ही होगी। नियुक्ति के लिए भी विज्ञापन निकाला जाएगा। कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर बहाल व्यक्ति सरकारी सेवक नहीं माने जाएंगे। ठेके पर बहाली में आरक्षण रोस्टर का पालन करना होगा।यह निर्देश जारी किया जाएगा कि बहाली पूरी तरह अस्थायी होगी। नियमित नियुक्ति होने तक कॉन्ट्रैक्ट पर बहाली बरकरार रहेगी।
एक विभाग ने दूसरे विभाग में नियुक्ति पर नए सिरे से कराना होगा एग्रीमेंट
जिस विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं वहां आवश्यकता नहीं होने पर दूसरे विभाग में समान पदनाम वाले रिक्तियों के विरुद्ध भी कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्ति हो सकेगी पर इसके लिए नए सिरे से एग्रीमेंट करना होगा। नियमित नियुक्तियों की परीक्षा में असफल कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों का अगर पद रिक्त रहेगा तो ऐसे पद पर पूर्व में कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत रह चुके व्यक्ति को रखा जा सकेगा।
मानदेय समिति तय करेगी, हर साल रिविजन, न्यूनतम मजदूरी से कम नहीं
बहाल कर्मी का मानदेय विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति तय करेगी। मानदेय का निर्धारण सरकार में समकक्ष पद के वेतन और भत्तों को मिला किया जाएगा। हर वर्ष रिविजन होगा। मानदेय न्यूनतम मजदूरी से कम नहीं होगा।
नियमित नियुक्ति में कॉन्ट्रैक्ट वालों को दिया जाएगा वेटेज
नियमित नियुक्ति में ऐसे कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों को वेटेज मिलेगा। कार्य अवधि के समान अवधि की छूट अधिकतम उम्र सीमा में मिलेगी। अधिकतम 5 अंक प्रति वर्ष की दर से अधिकतम 25 अंक दिये जा सकेंगे।
मातृत्व-पितृत्व अवकाश, मृत्यु पर 4 लाख अनुदान
इन कर्मियों के लिए पांच कार्यदिवस वाले कार्यालयों में वर्ष भर में 12 दिन और छह कार्यदिवस वाले कार्यालयों में 16 दिन का आकस्मिक अवकाश होगा। कॉन्ट्रैक्ट के दूसरे वर्ष से उन्हें एक वर्ष में 16 दिन अर्जित अवकाश मिलेगा। उन्हें मातृत्व और पितृत्व अवकाश भी मिलेगा।