न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
मॉनसून की लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन तो अस्त-व्यस्त हैं। शहर में बाढ की स्थित पैदा हो गई है। बारिश के कारण सरकारी कार्यालयों का भी बुरा हाल है। चंपारण प्रमंडल के डाक अधीक्षक कार्यालय में भी पानी घुस चुका है। स्थिति यह है कि कार्यालय में घुटने तक पानी है। वहां बैठकर काम करना संभव नहीं है। परिणामस्वरूप इस कार्यालय में काम-काज पूरी तरह ठप हो गया है। इतना ही नहीं कार्यालय के उपस्कर पर भी पानी ने असर डालना शुरू कर दिया है। कार्यालय के कंप्यूटर समेत कई दस्तावेजों को भी नुकसान पहुंच रहा है। हालात यह है कि डाक अधीक्षक का पूरा परिसर में लबालब पानी से भरा हुआ है।
उधर नगर परिषद के वार्ड संख्या-8 के मिस्कॉट मोहल्ले के कई घरों में बारिश का पानी प्रवेश कर गया है। मोहल्ला के निवासी सुरेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि बारिश का पानी पिछले तीन दिनों से घर प्रवेश कर गया है। जिससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में कई बार स्थानीय पार्षद को सूचित किया गया, लेकिन जल निकासी की कार्रवाई नहीं की गई है।
इधर वार्ड नम्बर 13-14 में मठिया जिरात मुहल्ला में वर्षा के पानी का बाढ़ जैसा रुख अख्तियार करने से पूरे मुहल्ले के लोग हकलान हैं। दर्जनों घरों में बरसात का पानी घुसा हुआ है। मुहल्ले के डा. मोबिन हाशमी, म. तनवीर, रतेन्द्र श्रीवास्तव उर्फ मुन्ना, शहज़ादा, रामकिशोर सिंह, अमित कुमार सिंह अरुण गुप्ता, चुन्नू श्रीवास्तव, लालबाबू सिंह आदि ने बताया कि नाला एवं सड़क बेमेल होने से हर साल ऐसी स्थिति होती है। यहां के लोगों की फ़िक्र न तो जनप्रतिनिधियों को है और नाही प्रशासन को। रोड पर घुटने से ऊपर पानी होने से कभी भी किसी भी तरह की अनहोनी से इनकार नही किया जा सकता।
वहीं मुख्य पार्षद अंजु देवी का वार्ड 38 के बिरसानगर में बाढ़ का नजारा है। यह मोहल्ला टापू में तब्दील हो गया है। भीषण जल-जमाव के कारण मोहल्लेवासी पिछले 10 दिनों से अपने घरों में ही कैद है। खास बात यह है कि इस वार्ड से मुख्य पार्षद दो बार से प्रतिनिधित्व कर रही है। बावजूद इसके विकास के नाम पर खानापूर्ति की गई है। बारिश का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर गया है। जलजमाव के कारण घरों के कई दिवाल टूट कर गिर गए हैं। मोहल्ला निवासी कन्हैया साह, शंभू ठाकुर, नवल शर्मा, रामदेव राम, अरविद कुमार आदि बताते हैं कि जल-जमाव से पिछले 10 दिनों से आवागमन बाधित है। इससे तो अच्छा गांव हैं। लोग जोखिम उठाकर जरूरत का सामान खरीदने के लिए घरों से बाहर निकल रहे हैं।