न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
गांवों की बात छोड़िए, शहर में भी कई इलाके ऐसे हैं जहां लगातार बारिश के कारण घरों में घुस आए पानी के कारण लोग परिवार समेत सड़कों पर आ गए हैं। ये लोग तिरपाल या प्लास्टिक लगाकर घुमंतू जीवन बसर करने को मजबूर हो रहे हैं। तेज हवा के साथ बारिश होने पर इनके छोटे-छोटे बच्चे रोना एवं चिल्लाना शुरू कर देते है। बिजली की तेज चमक और उसकी गरज से इनके दिल दहल जाते हैं। बंजरिया पंचायत के दरोगा टोला बाइपास के पास लोगों के घरों में पानी घुस गया। ये लोग एनएच-28 के किनारे पर तिरपाल लगाकर रहना शुरू कर दिए है। जिनके पास तिरपाल भी नहीं है वे लोग बोरा एवं साड़ी लगाकर गुजर-बसर कर रहे है।
अवधेश चौक स्थित बाईपास पर आकर रह रहे शेषनाथ सहनी, संजय सहनी, जियालाल सहनी, ओमप्रकाश सहनी, हरिवंश साह, संतोष साह, बंधु सहनी, भरत सहनी, शम्भू साह, जगदीश सहनी आदि ने बताया कि उनके घर में बारिश का पानी घुस गया है। यह कोई नई बात नहीं, बल्कि प्रतिवर्ष सावन में अपने पूरे परिवार के साथ एक ही तिरपाल के नीचे सोना पड़ रहा है। बारिश की वजह से काम नहीं मिलने के कारण कभी-कभी बच्चों को भूखे सोना पड़ना पड़ता है। धर्मेंद्र सहनी का कहना है कि जब से घर में कमर भर पानी लगा है। घर छोड़कर अब घुमंतू भोटिया बन गये है। पहले राजमिस्त्री का काम करता था। अब तिरपाल में ही कुछ छोटा-मोटा चीज रखकर 5-10 रुपया का काम चल रहा है। इससे पेट भी नहीं भर रहा है।
वहीं ओमप्रकाश सहनी का कहना है कि मेरे पास इतना पैसा भी नहीं है कि तिरपाल खरीदे। एक चौकी पर अपने 4-5 बच्चे के साथ उसी पर रह रहे हैं। जब बारिश आती है तो दूसरे के तिरपाल में छुप जाते है। यह रिक्शा एवं ठेला चलाते है। मिलने पर उनका सवाल था-सर, हमलोगों को कुछ मिलेगा क्या? कुछ नहीं भी मिले लेकिन काम मिल जाए तो बाल-बच्चे को भूखे नहीं रहना पड़ेगा।