न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
कोरोना संक्रमण की यही रफ्तार रही तो बिहार विधानमंडल के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ेगा। अगस्त के पहले सप्ताह में प्रस्तावित विधानमंडल के पूरे सत्र की बैठक परिवर्तित जगह पर होगी। तैयारी चल रही है। विधान परिषद की बैठक विधानसभा के सदन में होगी। जबकि, विधानसभा के सदस्य नवनिर्मित सेंट्रल हॉल में बैठ कर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे। सत्र की बैठक तीन से छह अगस्त तक प्रस्तावित है।
परिवर्तित स्थान पर बैठक करने पर विचार
विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विकल्प के तौर पर फिलहाल परिवर्तित स्थान पर बैठक करने पर विचार किया जा रहा है। इस व्यवस्था में दोनों सदनों के सदस्य एक-दूसरे के बीच पर्याप्त दूरी बना कर बैठ सकेंगे। ऐसा होने पर सदस्यों के बीच की दूरी दो गज तक रह सकती है। उन्होंने कहा कि सदन की बैठक और कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन-हमारे लिए दोनों जरूरी है। गौरतलब है कि बैठक की जगह बदलने के लिए संसदीय कार्य विभाग को एक अधिसूचना जारी करने की औपचारिकता पूरी करनी होगी।
छह महीने के भीतर सत्र बुलाना बाध्यकारी
कोरोना संकट के बावजूद अगस्त में सदन की बैठक बुलाना बाध्यकारी है। संवैधानिक व्यवस्था के अनुुसार छह महीने में सदन की बैठक बुलाना अनिवार्य है। विधानमंडल के पिछले सत्र का समापन इस साल मार्च में हुआ था। अगस्त में छह महीना पूरा हो जाएगा।
सेंट्रल हाल में 375 सीटें, विधायक 243
सेंट्रल हाल में 375 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। सीटों के बीच दूरी भी विधानसभा की तुलना में अधिक है। इसमें अतिरिक्त कुर्सियां लगाई जा सकती हैं। विधायकों की संख्या 243 है। वे आपस में पर्याप्त दूरी बनाकर बैठ सकते हैं।
विधानसभा में 325 सदस्यों के बैठने का इंतजाम
विधान परिषद के सदस्यों की कुल संख्या 75 है। इनमें शिक्षक-स्नातक क्षेत्र के आठ और राज्यपाल के मनोनयन कोटे की 12 सीटें खाली हैं। इस समय परिषद के सदस्यों की संख्या 55 रह गई है। परिषद के सभी 75 सदस्य विधानसभा के सदन में बैठ जाएं तब भी उनके बीच काफी दूरी रहेगी। विधानसभा में 325 सदस्यों के बैठने का इंतजाम है। 2020 में राज्य के विभाजन के पहले 325 सदस्य इस सदन में बैठते थे।