न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : पटना/ बिहार :
बिहार के शेल्टर होम्स में महिलाओं के यौन उत्पीडन के मामलों की जांच कर रही सीबीआई ने बिहार के कई जिलाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी सीबीआई की रिपोर्ट में बिहार के कई जिलों के जिलाधिकारियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है.
जिलाधिकारियों ने घोर लापरवाही बरती
दरअसल सीबीआई को बिहार के 17 शेल्टर होम में महिलाओं के यौन औऱ शारीरिक उत्पीड़न की जांच सौंपी गयी थी. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने ज्यादातर मामलों की जांच पूरी कर ली है. सिर्फ दो मामलों की जांच जारी है. सीबीआई ने अपनी जांच में बिहार के प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ साथ एनजीओ के गठजोड़ को उजागर किया है. सीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुजफ्फरपुर शेल्टर होम और मोतिहारी शार्ट स्टे होम की जांच जारी है. जबकि 13 शेल्टर होम की फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दायर की जा चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि शेल्टर होम्स की जांच में बिहार के सरकारी अधिकारियों और एनजीओ की गंभीर लापरवाही पायी गयी है. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट बिहार सरकार को भेजी है. बिहार सरकार से लापरवाह सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और दोषी पाये गये एनजीओ को ब्लैक लिस्टेड करने की अनुशंसा की गयी है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के नवंबर में सीबीआई को मुजफ्फरपुर के साथ साथ बिहार के 16 और शेल्टर होम की जांच करने को कहा था. टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टीआइसीसी) की जांच में इन सबमें गड़बड़ी पायी गयी थी. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के मामले में ट्रायल कोर्ट ने 19 लोगों को सजा सुनायी है.