न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
मोतिहारी समाहरणालय स्थित राधाकृष्णन भवन में डीएम एसके अशोक की अध्यक्षता में जिला के उद्यमियों के साथ बैठक हुई। जिसमें कोविद :19 के कारण आगंतुक श्रमिको हेतु रोजगार के अवसर सृजित करने व स्वरोजगार के संबंध में विस्तृत विमर्श किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि उद्यमी वास्तव में विकास के संवाहक होते है। वे न केवल अर्थव्यवस्था के सकारात्मक विकास में महतवपूर्ण योगदान देते है, बल्कि रोजगार सृजन में भी सहायता करते है।
उन्होंने कहा कि कोविड 19 के कारण उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों के फलस्वरूप जिला में लगभग डेढ़ लाख प्रवासी श्रमिको व आगंतुक श्रमिको का आगमन हुआ है। जिसमें से एक लाख पंद्रह हजार आगंतुक श्रमिकों की स्किल मैपिंग पूर्ण कर ली गई है। जिला प्रशासन आगंतुक श्रमिको हेतु विधिसम्मत प्रावधानों के तहत रोजगार सृजन हेतु सतत प्रयत्नशील है। जल जीवन व हरियाली अभियान के तहत निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के उद्देश्य से मनरेगा के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओ में लगभग तीस हजार प्रवासी श्रमिको की सेवा प्राप्त की जा रही है। साथ ही अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं में अधिकाधिक आगंतुक श्रमिको को संलग्न करने का निर्देश दिया।
जिला प्रशासन द्वारा प्रवासी श्रमिको को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से क्रियान्वित योजनाओं में गरीब कल्याण रोजगार अभियान, जिला औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना, मुख्यमंत्री कुशल श्रमिक योजना आदि के सतत पर्यवेक्षण, समीक्षा एवं आगंतुक श्रमिको को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र में जिला परामर्श दात्री समिति का गठन किया गया है। जिलाधिकारी ने आगंतुक श्रमिको हेतु रोजगार सृजन में उद्यमियों से विशेष भूमिका निर्वहन की अपेक्षा की है।उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिको के हितार्थ मुख्यमंत्री कुशल श्रमिक उद्यमी क्लस्टर योजना प्रारंभ किया गया है।
इस योजना के अन्तर्गत बीस उद्यमियों द्वारा निर्मित क्लस्टर को व्यापारिक गतिविधियों हेतु विधिसम्मत प्रावधानों के तहत बीस लाख रुपए दिए जाएंगे।उक्त क्लस्टर योजना के अन्तर्गत व्यापारिक गतिविधियों में कम से कम पचाश प्रतिशत प्रवासी श्रमिको को संलग्न करना अनिवार्य होगा। उसी प्रकार नव प्रवर्तन योजना के तहत दस उद्यमियों के क्लस्टर से व्यापारिक गतिविधि (स्वयं सहायता समूह के समतुल्य) को संचालित किया जाएगा, जिसमें कम से कम 50 फीसद प्रवासी श्रमिकों को संलग्न करना अनिवार्य होगा। वहीं उद्यमियों ने भी अपनी व्यापारिक समस्याओं से अवगत कराया। जिसके निवारण का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया है। मौके पर सहायक समाहर्ता समीर सौरभ, डीडीसी अखिलेश कुमार सिंह, श्रम अधीक्षक, जिल उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।