न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
राजधानी स्थित एम्स में कोरोना का इलाज करा रहे राजद के सीनियर लीडर रघुवंश बाबू ने सभी पार्टी पदों से इस्तीफा देने के बाद पहली बार बोलते हुए कहा कि अभी बीमार हूं। लेकिन जल्द स्वस्थ होकर आगे की बात बोलूंगा। अभी बहुत कुछ बोलना बाकी है। रघुवंश सिंह ने कहा तो बस इतना ही, लेकिन इस इतनी सी ही बात में वे बहुत कुछ कह गए।
साफ है कि राजद में पिछले दो दिन से मची उठा—पटक आखिरी नहीं है। अभी आगे और भी बहुत कुछ होने वाला है। रघुवंश प्रसाद के बीमारी में दिये इस बयान और उनके द्वारा उठाए गए कदम तो संकेत देते हैं कि राजद में एक और टूट अभी बाकी है। राजद के कार्यकर्ता भी अब खुलेआम कहने लगे की पार्टी में अब वह बात नहीं। रघुवंश सिंह जैसे कद्दावर नेता को दरकिनार कर दिया गया। उनके धूर विरोधी रहे लोजपा के पूर्व सांसद को राजद में शामिल कराने की मुहिम चलाना, सीनियर नेताओं का अपमान नहीं तो और क्या है।
हालांकि जेल में बैठे—बैठे लालू प्रसाद ने पार्टी को एकजुट रखने की हर वे कोशिश की जो वे कर सकते थे। लालू ने हाल ही में बनी राजद की नई राष्ट्रीय कमेटी में रघुवंश सिंह का नाम उपाध्यक्ष के रूप में राबड़ी देवी से भी ऊपर रखा था। लेकिन, जगदानंद सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उनकी कार्यशैली से रघुवंश सिंह फिर नाराज हो गए। उधर, रामा सिंह को राजद में शामिल किए जाने की सूचना ने उनकी नाराजगी को परवान चढ़ा दिया।
इसबीच डैमेज कंट्रोल के लिए राबड़ी देवी ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ आज फिर अपने आवास पर स्थिति की समीक्षा की। लेकिन इसबीच आज राजद के एमएलसी कैंडिडेट के नामों का ऐलान होने के बाद पार्टी में एकबार फिर गुटबाजी और अफवाहों का दौर शुरू हो गया। ऐसे में यदि रघुवंश सिंह जैसा कोई बड़ा नेता बीमारी की हालत में बस इतना बोल जाए कि—’स्वस्थ होकर फिर बोलूंगा। अभी बहुत कुछ बोलना बाकी है’, तब सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस धुएं के नीचे कोई बहुत बड़ी चिंगारी सुलग रही है जो राजद की सेहत के लिए ठीक नहीं है।