न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना- बिहार/ नई दिल्ली :
केंद्र की मोदी सरकार ने एक बार फिर मैथिली भाषा का अपमान किया है। इसके साथ ही उसने साफ कर दिया कि उसकी नजर मैथिली भाषा का कोई सम्मान नहीं है। बीटेक की पढ़ाई अब 11 क्षेत्रीय भाषाओं में भी होगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इसकी अनुमति दे दी है। यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी।
उन्होंने बताया कि जिन भाषाओं के लिए मंजूरी मिली है उनमें हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, मलयालम, बंगाली, असमिया, पंजाबी और उड़िया शामिल हैं। वहीं, देश के आठ राज्यों में 14 इंजीनियरिंग कॉलेज अपने छात्रों को चुनिंदा क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएंगे। नए शिक्षा सत्र से लागू होने वाली इस व्यवस्था का उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी स्वागत किया है।
2021-22 से मातृभाषा में पाठ्यक्रम पर जोर होगा
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि 2021-22 के शैक्षणिक वर्ष से इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा में मातृभाषा में पाठ्यक्रम पर जोर दिया जाएगा। इसके बाद एआईसीटीई ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अपनी मातृभाषा में शिक्षा की मांग की। क्षेत्रीय भाषा की मंजूरी मिलने के बाद बीटेक, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में क्षेत्रीय भाषा में कोर्स शुरु होगा।