न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : वैशाली/ बिहार :
जिला स्वास्थ्य समिति और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में शुक्रवार को परिवार नियोजन को लेकर जागरूकता पर मीडिया वर्कशॉप का आयोजन हुआ। जिसका विधिवत उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेव रंजन ने किया। मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि परिवार नियोजन का संबंध जनसंख्या से और जनसंख्या का सीधा असर रोजगार और तरक्की से है। इसलिए भी जरूरी है कि हम अपने परिवार को सीमित रखें ताकि भविष्य की संभावनाओं में और भी वृदि्ध हो। परिवार नियोजन के लिए अब हमारे पास बास्केट ऑफ च्वाइस है जिसमें स्थायी और अस्थायी साधनों की हर समय उपलब्धता है।
वहीं कार्यशाला के दौरान डीसीएम निभा कुमारी ने कहा कि जिसका भी परिवार पूरा हो गया है वह अपना नियोजन करवा सकता है। हमारे देश में जनसंख्या वृदि्ध का सबसे बड़ा कारण महिलाओं की कम उम्र में शादी है। वहीं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ ललन राय ने कहा कि परिवार नियोजन को सर्वसुलभ बनाने के उद्येश्य से भी अब आरोग्य दिवस सत्रों पर भी इसकी उपलब्ध्ता रहेगी। जिसमें आशा, आंगनबाड़ी सेविका तथ एएनएम के द्वारा इसका लाभ उठाया जा सकेगा।
प्रजनन दर को कम करना है लक्ष्य
डीसीएम निभा कुमारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का मुख्य लक्ष्य प्रजनन दर को कम करना है। अभी बिहार का प्रजनन दर 3.4 प्रतिशत और वैशाली जिले का 3.2 प्रतिशत है। जिसे 3.0 प्रतिशत पर लाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए हरेक स्वास्थ्य उपकेंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा सदर अस्पताल में व्यवस्था मौजूद है। जहां वह स्थायी और अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी लेकर उसका उपयोग कर सकता है। अभी हमारा मुख्य ध्यान अंतरा सुई पर केंद्रित है जिसे एक बार लेने पर तीन महीने तक गर्भ धारण करने की संभावना नहीं होती।
सुरक्षित है परिवार नियोजन
परिवार नियोजन के ट्रेंड को पावर प्वाइंट के माध्यम से समझाते हुए केयर डीपीओ(लेबर) एनी ने बताया कि सामान्य तौर पर बिहार में महिलाओं की शादी 16 वर्ष की आयु में हो जाती है। वहीं 19 वर्ष की आयु में पहला बच्चा होता है और 25 की उम्र आते -आते वह तीन बच्चों को जन्म दे देती हैं। इस दौरान वह परिवार नियोजन के किसी भी साधन का इस्तेमाल नहीं करती हैं। परिवार नियोजन में जागरूकता लाने और साधनों को सर्वसुलभ बनाने के उद्येश्य से अब आरोग्य दिवस सत्रों पर भी बास्केट ऑफ च्वाइस उपलब्ध है जिससे वह अपने इच्छानुसार चुनाव कर सकती हैं। वहीं केयर की तरफ से मार्च तक परिवार नियोजन सुरक्षित है और शादी के दो साल बच्चे और दूसरे में तीन साल का अंतर रखने के उद्येश्य से माइकिंग भी की जा रही है।
कोविड टीकाकरण के दूसरे चरण की हो रही तैयारी
कार्यशाला के दौरान सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेव रंजन ने कहा कि पहले चरण के टीकाकरण की समाप्ति 9 फरवरी को हो रही है। इसलिए टीकाकरण के दिनों को बढ़ाकर चार दिन सोमवार, मंगलवार, गुरुवार तथा शनिवार को किया गया है जबकि यह पहले सिर्फ मंगलवार तथा शनिवार को था। दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर तथा राजस्व(रिवेन्यु) से संबंधित कर्मचारी तथा नगर निगम से संबंधित लोगों को टीका दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन अभी हो रहा है। मौके पर सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेव रंजन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ ललन कुमार राय, डीएस डॉ एसके वर्मा, डीसीएम निभा रानी सिंह, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी चंद्रशेखर, सदर अस्पताल के हेल्थ मैनेजर मो. मजहर अहमद, केयर डीपीओ एफपी सौरभ कुमार, डीपीओ लेबर डॉ एनी, डीपीओ ऑन कृतिका दूबे, एफपीसी मनोज कुमार तथा सीफार से श्रीकांत तथा अमित कुमार सिंह मौजूद थे।
