न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
कोरोना की दूसरी लहर ने कुछ परिवारों को ऐसा दर्द दिया है कि शायद ही हो पूरी जिंदगी इस दर्द को भूल सकें. कई परिवार उजड़ गए और बच्चे अनाथ हो गए. कोरोना काल में ऐसा दर्द देखने को मिला जो शायद ही कभी किसी ने सोचा होगा. यूपी में मेरठ के भी एक परिवार में पति और सुसर की कोरोना से मौत हो गई. घर में बची इकलौती सदस्य बहू को ही पति और सुसर का अंतिम संस्कार करना पड़ा. इस बहू ने ही पूरे रीति रिवाजों के साथ अपने पति और ससुर की चिता को मुखाग्नि दी.
हंसती मुस्कुराती बहु पूजा की जिंदगी पर कोरोना काल बनकर टूटा और 3 दिन के अंदर ससुर और पति का अपने हाथों से अंतिम संस्कार करना पड़ा. इस घटना से पूजा पूरी तरीके से टूट चुकी है. पूजा की कहानी सुनकर किसी का भी कलेजा कांप जाए.
दरअसल, मेरठ के कंकर खेड़ा के सैनिक विहार में मकान नंबर C-622 में 73 वर्षीय राकेश रस्तोगी का परिवार रहता है. परिवार में राकेश रस्तोगी और उनका बेटा मयंक रस्तोगी जिनकी उम्र 42 साल और उनकी 37 वर्षीय बहू पूजा तीन लोग थे.
मयंक रस्तोगी सरकारी टीचर थे और उनकी शादी 19 नवंबर 2018 में पूजा के साथ हुई थी. पूरे परिवार में हंसी खुशी का माहौल रहता था. परिजनों का कहना है कि मयंक रस्तोगी की पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगी थी और मतगणना में भी उनकी ड्यूटी लगी थी जिसके बाद उनको तेज बुखार आ गया और तबीयत खराब रहने लगी.
कई दिन घर में इलाज करने के बाद और उनका जब कोरोना टेस्ट कराया गया तो वह पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद 27 मई को मेरठ के सुभारती मेडिकल कॉलेज में मयंक रस्तोगी को भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा था.