न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मुम्बई/ महाराष्ट्र :
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शहर के सीकेपी कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति टिकाऊ नहीं है और बैंक अपने जमाकर्ताओं को पैसे चुकाने की स्थिति में नहीं है। आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द करते हुए कहा कि सहकारी बैंक पूंजी संबंधी न्यूनतम अनिवार्यता को पूरा करने में विफल रहा। सीकेपी कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द किए जाने संबंधी आरबीआइ का फैसला 30 अप्रैल के कामकाजी घंटों के बाद से प्रभावी हो गया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सीकेपी कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द होने के बाद लिक्वेडेशन की कार्यवाही शुरू होने के बाद डीआईसीजीसी एक्ट, 1961 के तहत सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं को पैसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
किसी तरह के लेनदेन पर पाबंदी
केंद्रीय बैंक ने कहा है, ”लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद सीकेपी कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुम्बई बैंकिंग से जुड़ा किसी तरह का बिजनेस नहीं कर सकती है। लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक जमा राशि को स्वीकार नहीं कर सकता है और ना ही किसी को जमा राशि का भुगतान कर सकता है।”
पांच लाख रुपये तक की जमा राशि मिलेगी वापस
आरबीआइ ने कहा है कि लिक्विडेशन की कार्यवाही के तहत हर जमाकर्ता को पांच लाख रुपये तक की जमा राशि वापस की जाएगी। उल्लेखनीय है कि बैंकों के डूबने पर जमाकर्ताओं को पांच लाख रुपये तक की जमा राशि वापस दिए जाने का प्रावधान है। आरबीआइ ने कहा है कि डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) की ओर से ये रकम लौटायी जाएगी।
टिकाऊ हालत में नहीं है बैंक की वित्तीय स्थिति
आरबीआइ ने इस बाबत विवरण देते हुए कहा कि सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति काफी प्रतिकूल है और टिकाऊ नहीं है। इसके साथ ही बैंक के पास कोई ठोस पुनरोद्धार योजना या किसी और बैंक के साथ विलय की कोई योजना नहीं है। आरबीआई ने कहा है, ”बैंक अपने वर्तमान और भविष्य के जमाकर्ताओं को पैसे देने की स्थिति में नहीं है।”