न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ. रघुवंश के भगवान बुद्ध के भिक्षा पात्र एवं अस्थिकलश को वैशाली लाने के आग्रह को कबूलते हुए फौरन जवाब भेजा था। डॉ. सिंह ने इस बारे में 10 को सीएम को पत्र लिखा था। सीएम ने दूसरे ही दिन (11 सितंबर) पत्र लिखकर कार्रवाई करने की बात कही थी।
डॉ. सिंह को लिखे सीएम के पत्र के अनुसार, ‘भगवान बुद्ध के काबुल संग्रहालय (अफगानिस्तान) में रखे पवित्र भिक्षा पात्र को वैशाली लाने के अनुरोध से संबंधित आपका पत्र प्राप्त हुआ। पूर्व में भी आपने वैशाली के मिट्टी स्तूप से 1950 के दशक में उत्खनन के दौरान मिले बुद्ध के पवित्र अ’स्थि अवशेष, जो अभी पटना संग्रहालय में प्रदर्शित है, को वैशाली में रखने का अनुरोध किया था। सरकार द्वारा बुद्ध के पवित्र अ’स्थि कलश को वैशाली में प्रदर्शित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप की योजना क्रियान्वित की जा रही है।
सरकार द्वारा 300 करोड़ की लागत से बनने वाले इस संग्रहालय के पूर्ण होने पर बुद्ध के पवित्र अ’स्थि अवशेष को वैशाली में ही प्रदर्शित किया जाएगा। आपके 10 सितंबर के पत्र में किए गए अनुरोध के आलोक में सरकार शीघ्र ही काबुल संग्रहालय में प्रदर्शित बुद्ध के पवित्र भिक्षा पात्र को वैशाली में वापस लाने के लिए केंद्र से अनुरोध करेगी। आपके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।’ रविवार को नि/धन के बाद सीएम ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वे प्रख्यात समाजवादी नेता थे। केंद्रीय मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल अत्यंत सराहनीय रहा। वे जमीन से जुड़े राजनेता थे।
पीएम ने कहा, रघुवंश जी की आखिरी इच्छा पूरी होनी चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि- मैं नीतीश जी से जरूर आग्रह करूंगा कि रघुवंश प्रसाद जी ने अपनी आखिरी चिट्ठी में जो भावनाएं प्रकट की हैं, उसको परिपूर्ण करने के लिए आप और हम मिल करके पूरा प्रयास करें क्योंकि उन्होंने पूरी तरह विकास की ही बातें लिखी थीं। उसको जरूर करें। मैं फिर एक बार आज कार्यक्रम के प्रारंभ में ही रघुवंश सिंह प्रसाद जी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। उनको नमन करता हूं।’