
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में उठा-पटक का दौर जारी है। तेजस्वी यादव के रवैये से महागठबंधन के सहयोगी उपेंद्र कुशवाह व जीतन राम मांझी काफी नाराज हैं। इसको लेकर नाराजगी जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजद को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि 25 जून तक महागठबंधन को बचाने के लिए कोआर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग की थी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
वर्चुअल बैठक में शामिल महागठबंधन के नेता
महागठबंधन के बचाने के लिए कांग्रेस काफी प्रयासरत है। इसको लेकर 24 जून को महागठबंधन के सभी दलों की एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में कांग्रेस के तरफ से अहमद पटेल व प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, हम से जीतन राम मांझी, रालोसपा से उपेन्द्र कुशवाहा तथा राजद से तेजस्वी के जगह सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा शामिल हुए थे।
कोआर्डिनेशन कमिटी बनाने पर सभी सहमत
बैठक में जीतन राम मांझी के मांगों को लगभग सभी दलों ने स्वीकार कर लिया है। राजद समेत सभी दलों ने कोआर्डिनेशन कमिटी बनाने पर सहमति दी है। और बताया जा रहा है कि इस महीने के अंत तक कोआर्डिनेशन कमेटी बनने की संभावना है। अगर राजद फिर से अडिग नहीं होती है तब। वैसे यह फैसला राजद सुप्रीमों लालू यादव लेंगे।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी बनना चाहिए
कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने के लिए बिहार कांग्रेस के चुनाव प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल दिल्ली से पटना पहुंचेंगे। जीतन राम मांझी ने कहा कि कोऑर्डिनेशन कमिटी बनने के बाद सप्ताह भर के अंदर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी बनना चाहिए जिसके तहत इलेक्शन एजेंडे की रूपरेखा तय की जाएगी।
लालू ही बचा सकते हैं महागठबंधन
अगर ऐसा नहीं होता है तब हम पार्टी अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। वैसे अब महागठबंधन बचाने की पूरी जिम्मेदारी राजद के ऊपर है। अगर राजद सुप्रीमों कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की सहमति देते हैं तब महागठबंधन बचने की संभावना है।