न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : पटना/ बिहार :
इस वक्त की बड़ी खबर बिहार के सियासी गलियारे से आ रही है, जहां लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व सांसद और बाहुबली कहे जाने वाले राम किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह चुनाव से ठीक पहले लालू प्रसाद यादव की शरण में जाकर आरजेडी का दामन थामेंगे. रामा सिंह 29 जून को राजद ज्वाइन करेंगे. उनके साथ ही सवर्ण समाज से कई अन्य नेता भी पार्टी में शामिल होंगे. इससे पहले किसी जमाने में लालू और रघुवंश के कट्टर विरोधी रहे पूर्व सांसद रामा सिंह ने तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की है.
तेजस्वी से की मुलाकात
रामा सिंह ने रविवार की देर शाम नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से ना सिर्फ मुलाकात की बल्कि न्यूज़ 18 को बताया कि इसी महीने के 29 जून को सैकड़ों समर्थकों के साथ वह आरजेडी की सदस्यता ग्रहण करेंगे . रामा सिंह वही नेता हैं जो कभी लालू प्रसाद यादव और आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के कट्टर विरोधी माने जाते थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में रामा सिंह ने करीब एक लाख से ज्यादा वोट से रघुवंश प्रसाद सिंह को वैशाली से हराया था.
2014 के चुनाव में रघुवंश सिंह को दी थी मात
रामा की तेजस्वी से मुलाकात के बाद उनके लोजपा छोड़कर राजद में जाने की खबर पर पक्की मुहर लग गई है. वैशाली से लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान रामा सिंह ने चुनाव लड़ा था. इस दौरान उन्होंने आरजेडी के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को शिकस्त दी थी. तब रामा सिंह लोजपा से टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन इसके बाद 2019 के चुनाव के दौरान उनका पार्टी से संबंध ठीक नहीं रहा और पार्टी ने उनकी जगह वीणा देवी की टिकट दे दिया. इसके बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि वो जल्द ही लोजपा छोड़कर किसी अन्य पार्टी को ज्वाइन करेंगे.
सवर्णों को लामबंद करने में लगे हैं तेजस्वी यादव
दरअसल रामा सिंह भी तेजस्वी यादव की उस मुहिम का हिस्सा है जिसके तहत वो चुनाव से ठीक पहले बिहार के सवर्णों को लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव के बाद इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में अगर रामा सिंह राजद ने जाते हैं तो निश्चित तौर से इसका फायदा मिल सकता है.
भूमिहार-राजपूत समाज के कई नेता भी होंगे शामिल
तेजस्वी को पता है केवल यादव और मुसलमान यानी माई समीकरण के बल पर वह बिहार की सत्ता पर काबिज नहीं हो सकते इसलिए तेजस्वी राजपूत भूमिहार को अपनी टीम में शामिल करने में जुटे हुए हैं. न्यूज़18 के पास जो खबर है उसके मुताबिक अगले कुछ दिनों में बिहार के भूमिहार समाज और राजपूत समाज के कई बड़े चेहरे साथ में युवाओं की एक बड़ी फौज को तेजस्वी पार्टी में शामिल कराने वाले हैं. खबर यह भी है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी करीब 10 फ़ीसदी उम्मीदवार इन्हीं अगड़ी जातियों में देने का मन बनाया है ताकि बीजेपी और जेडीयू के सबसे बड़े इस वोट बैंक में सेंधमारी की जाए और साथ में अगड़ी जातियों के बीच में एक संदेश भी दिया जाए कि आरजेडी अगड़ों की हिमायती है ना कि उनके खिलाफ है.