न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : नई दिल्ली :
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश भर से श्रमिक मजदूरों का पलायन हुआ था. दिल्ली, मुबई, कोलकता, और चेन्नई जैसे महानगरों के अलावा अन्य शहरों में कमाने वाले श्रमिक मजदूर लॉकडाउन लगने के कारण पैदल ही अपने गांव चले गए थे. हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने श्रमिक मजदूरों को घर तक भेजने के लिए श्रमिक स्पेशन ट्रेनें भी चलाई थीं. लेकिन इसके बावजूद भी लाखों मजदूर पैदल और अन्य मालवाहक वाहनों में छिपकर अपने-अपने प्रदेश चले गए थे. इस दौरान कई मजदूर सड़क दुर्घटना के शिकार भी हो गए थे.
लेकिन अब देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक अच्छी बात सामने आई है. जो मजदूर लॉकडाउन की वजह से अपने-अने गांव वापस चले गए थे, वे अब दोबारा दिल्ली लौट रहे हैं. इन मजदूरों की भीड़ को बस डिपो पर देखा जा सकता है. एक प्रवासी मजदूर ने बताया कि वह फर्रुखाबाद (यूपी) का रहने वाला है. उसने कहा कि उसे नौकरी देने वाले ने फोन किया गया था. इसलिए वह अपने गांव से दिल्ली आया है.
बता दें कि कोरोना वायरस के चलते बीते 24 मार्च को अचानक पूरे देश में एक साथ संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया था. इसके बाद पूरे देश में अस्पताल, किराना दुकान, सब्जी दुकान और दवाई दुकान को छोड़कर सारी चीजें बंद हो गई थीं. सारे कल कारखाने और फैक्ट्रियां भी बंद हो गई थीं. यातायात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था. किसी को घर से बाहर निकलने पर मनाही थी. लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर केस हो रहा था.
स्थिति पहले की तरह सामान्य हो गई है
ऐसे में फैक्ट्रियां बंद होने से उसमें काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो गए थे. उन्हें खाने के लाले पड़ गए थे. इसके बाद पूरे देश भर के शहरों से प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने-अपने गांव के लिए चल दिए थे. उनमें सबसे ज्यादा मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश के होते थे. लेकिन अब तीन महीने बाद फिर से स्थिति पहले की तरह सामान्य हो गई है. सारे मार्केट्स और अधिकांश कल-कारखाने खुल गए हैं. यही वजह है कि मजूदर फिर से दिल्ली को आ रहे हैं.