न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : रक्सौल-मोतिहारी/ बिहार :
नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने अपने नक्शे में बदलाव के बाद अब नागरिकता कानून में बड़ा बदलाव का फैसला कर भारतीय बेटियों पर निशाना साधा है। अब बहू बनकर नेपाल जाने वाली भारतीय बेटियों को वहां की नागरिकता के लिए सात साल इंतजार करना होगा। अब बहू बनकर नेपाल जाने वाली भारतीय बेटियों को वहां की नागरिकता के लिए सात साल इंतजार करना होगा। तीन प्रमुख दलों की आपत्ति के बीच नेपाल की संसदीय समिति ने नागरिकता अधिनियम 2063 पर एक संशोधन विधेयक का समर्थन किया है।
विधेयक पर पिछले दो वर्षों से चल रही थी बहस
इसमें प्रावधान है कि नेपाली पुरुषों से शादी करने वाली विदेशी महिलाओं को प्राकृतिक नागरिकता हासिल करने के लिए सात साल तक इंतजार करना होगा। काठमांडू पोस्ट ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि द स्टेट अफेयर्स एंड गुड गवर्नेंस कमेटी पिछले दो वर्षों से विधेयक पर बहस कर रही थी। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) द्वारा शनिवार को इस आशय का निर्णय लेने के बाद समिति ने नागरिकता के लिए सात साल के प्रावधान को आगे बढ़ाया।
तीन पार्टियों ने किया संशोधन का विरोध
समिति की अध्यक्ष शशि श्रेष्ठ ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को बहुमत का समर्थन हासिल है। हालांकि, नेपाली कांग्रेस, समाजवादी पार्टी नेपाल और राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल ने इस प्रावधान को असंवैधानिक कहते हुए इसका विरोध किया है। 27 सदस्यीय समिति में सत्ता पक्ष के 16 सदस्य हैं और उसे बहुमत हासिल है। नेपाली कांग्रेस के छह सदस्य हैं और राष्ट्रीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के दो-दो सदस्य हैं। नेपाल मजूदर किसान पार्टी, जिसका एक सदस्य है, ने 15 साल के सख्त प्रावधान का आह्वान किया है।
गृह मंत्री ने किया एलान
नेपाल के गृहमंत्री राम बहादुर थापा ने घोषणा करते हुए कहा कि नागरिकता कानून में संशोधन का प्रस्ताव भारत को ध्यान में रखकर किया है। बदलाव के तहत जब कोई भारतीय लड़की नेपाली युवक से शादी करेगी तो उसे उसके साथ 7 साल लगातार रहने के बाद ही नेपाल की नागरिकता मिलेगी। विवाद बढ़ने पर उन्होंने कहा कि इस संशोधन विधेयक में कुछ अलग नहीं किया है। भारत भी अपने देश से बाहर की लड़कियों को किसी भारतीय से शादी के सात साल बाद ही नागरिकता देता है। हमारा संशोधन विधेयक भी इसी आधार पर तैयार किया गया है।
भारतीय कानून की जानकारी नहीं
राम बहादुर थापा ने कह दिया कि भारत में नेपाल से बहू बनकर आने वाली बेटियों को सात साल बाद नागरिकता दी जाती है, लेकिन वास्तविकता इससे उलट है। सात साल बाद नागरिकता मिलने का नियम नेपाल से भारत आने वाली बहूओं पर लागू नहीं होता है।